हिमाचल प्रदेश के सरकारी विभाग

महाधिवक्ता विभाग_

हिमाचल प्रदेश का महाधिवक्ता विभाग वर्ष 1971 में अस्तित्व में आया। राज्य के लिए महाधिवक्ता की नियुक्ति भारत के संविधान के अनुच्छेद 165 (1) के तहत की जाती है। नियुक्ति का दायित्व संबंधित राज्य के राज्यपाल को दिया गया हैl

 

पशु विभाग_

पशुपालन तथा दुग्ध से सम्बंधित गतिविधियां मनुष्य जीवन का एक अभिन्न अंग रही हैl हिमाचल प्रदेश में पशुधन अधिक संख्या में उपलब्ध है तथा प्रदेश में पशुपालक अपनी आजीविका के लिए पशुपालन गतिविधियों से जुड़े हैंl 19वीं पशुधन जनगणना- 2012 के अनुसार हिमाचल प्रदेश में कुल पशुधन सँख्या 48,44,431 है।

पशुपालन विभाग का गठन प्रदेश में 1948 में किया गया। हिमाचल प्रदेश के अस्तित्व में आने के समय प्रदेश में केवल 9 पशु चिकित्सालय थेl

वर्ष 1951 में गायों की नस्ल सुधार हेतु कई कार्यक्रम अखिल भारतीय मुख्य ग्राम योजना के तहत आरम्भ किये गए तथा दो प्राकृतिक गर्भाधान केन्द्र कोटगढ़ तथा सोलन में स्थापित किये गए, जहाँ लाल सिंधी नस्ल के बैलों को नस्ल सुधार (Cross Breeding) कार्यक्रम के लिए रखा गयाl

वर्ष 1954-55 में पहली बार जर्सी वीर्य हवाई जहाज द्वारा बेंगलुरु से हिमाचल प्रदेश पहुँचाये गयेI इस अवधि के दौरान नया पशुधन प्रजनन संस्थान कोठिपुरा, जिला बिलासपुर में आरम्भ किया गया जहाँ पर जर्सी नस्ल के पशुधन डेनमार्क से आयात कर कोठीपुरा फार्म पर पाले गये तथा उनका प्रदर्शन काफी उत्साहवर्धक रहाI

पशुधन प्रजनन सुधार कार्यक्रमों में सबसे अहम योगदान इन्डो-न्यूजीलैंड पशुधन सुधार परियोजना का रहा, जिसके तहत 175 शुद्ध जर्सी नस्ल के पशुओं को न्यूजीलैंड से वर्ष 1974 में लाया गया तथा पालमपुर के विश्वविद्यालय परिसर में रखा गयाI

इसके अतिरिक्त वर्ष 1974 में हिम वीर्य प्रयोगशाला पश्चिम जर्मनी सरकार की सहायता से जिला मंडी के भंगरोटू स्थान पर स्थापित की गईI

 

सहकारिता विभाग_

सहकारिता विभाग की स्थापना वर्ष 1948 में हिमाचल प्रदेश राज्य के गठन के तुरंत बाद की गई थी। विभाग का मुख्य उद्देश्य सहकारी संस्थाओं के माध्यम से कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा सुनिश्चित करके बिचौलियों और धन उधारदाताओं द्वारा आम आदमी के शोषण को समाप्त करना है। यह लोगों को आपसी लाभ के लिए संगठन बनाने, तालमेल बनाने और आर्थिक लाभ चलाने के लिए सशक्तिकरण को सक्षम बनाने का कार्य भी करता है।

 


शिक्षा विभाग_

हिमाचल प्रदेश शिक्षा निदेशालय लालपानी, शिमला में स्थित हैI संपूर्ण शैक्षणिक गतिविधियां इसी विभाग के दिशा निर्देशों द्वारा संपन्न होते हैं।

"Education is the most powerful weapon which you can use to change the world"

Nelson Mandela

“You educate a Man, You educate a Man, you educate a Woman, You educate a Generation”

Mahatma Gandhi

List of Government Universities_

Himachal Pradesh University, Summar Hill Shimla, established in 1970.

Chaudhary Sarwan Kumar Himachal Pradesh Krishi Vishvavidalya, Palampur established in 1978.

Dr. Yashwant Singh Parmar University of Horticulture and Foresty, Solan established in 1986.

Himachal Pradesh Technical University, Harmirpur, established in 2010.

Central University, Kangra established in 2009.

Himachal Pradesh National Law University, Shimla, established in 2016.

 

हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन_

हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन, धर्मशाला 1969 को अस्तित्व में आया। इसका मुख्यालय शिमला में स्थापित किया गया। जिसे जनवरी 1983 में धर्मशाला स्थानांतरित कर दिया गया। वर्तमान में 8000 से अधिक स्कूल बोर्ड से संबद्ध हैं।

 

पर्यावरण विभाग_

राज्य के पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सुधार के लिए पर्यावरण विभाग की स्थापना की गई हैI पर्यावरण के अनुकूल प्रबंधन प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और वृद्धि कार्यक्रमों की योजना बनाना, समन्वय करना, बढ़ावा देना और उनकी देखरेख करना प्रमुख उद्देश्य है। पर्यावरण विभाग निदेशालय शिमला में स्थित है।

 

अबकारी और कराधान विभाग_

राज्य में प्रमुख राजस्व एकत्र करने वाली एजेंसी है। राजस्व विभिन्न टैक्सों के रूप में एकत्रित किया जाता है। आबकारी एवं कराधान विभाग निम्नलिखित अधिनियमों द्वारा प्रशासनिक नियंत्रण स्थापित करता है।


अग्निशमन सेवा विभाग_

वर्ष 1972 तक राज्य में अग्निशमन का कार्य नगरपालिका समितियों/निगम के नियंत्रण में चलता रहा। इसके उपरांत प्रदेश सरकार द्वारा अग्निशमन सेवाओं को अपने नियंत्रण में ले लिया। हिमाचल अग्निशमन सेवा अधिनियम वर्ष 1984 में लागू हुआ। हिमाचल प्रदेश में अग्निशमन सेवा विभाग के निदेशक, अग्निशमन सेवा के प्रमुख हैं, जिनकी सहायता शिमला स्थित निदेशालय में तैनात एक मुख्य अग्निशमन अधिकारी द्वारा की जाती है। राज्य में एक फायर ट्रेनिंग सेंटर, 22 फायर स्टेशन और 38 फायर पोस्ट स्थापित किए गए हैं।

 

खादय, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग_

खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग वर्ष 1966 के दौरान राज्य में एक अलग इकाई के रूप में अस्तित्व में आया। यह इस व्यवस्था से पहले सहकारी विभाग का एक हिस्सा था। विभाग मुख्य रूप से खुले बाजार तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की मांग और आपूर्ति में अहम भूमिका निभाता है। विभाग की मूल जिम्मेदारी आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के लिए मूल्य स्थिरीकरण और वजन और माप से संबंधित मामले के खिलाफ विभिन्न नियंत्रण आदेशों का प्रवर्तन है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 हिमाचल प्रदेश में लागू किया गया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पात्र जरूरतमंद व्यक्तियों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही हैI


उद्यान विभाग_

उद्यान विभाग 21 सितंबर 1970 को अस्तित्व में आया था। उद्यान निदेशालय शिमला में स्थित है। उद्यान विभाग, बागवानी के वैज्ञानिक विकास के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि की एक स्थायी व्यवस्था के विकास हेतु प्राकृतिक संसाधनों के दोहन द्वारा, समृद्ध हिमाचल के निर्माण के उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध हैI उद्यान विभाग की सफल नीतियों के कारण ही प्रदेश को देशभर में सेब राज्य के रूप में ख्याति प्राप्त हुई हैI प्रकृति ने हिमाचल प्रदेश को ऐसी जलवायु से परिपूर्ण किया है जिसमें विभिन्न प्रकार के फलों, फूलों, मशरूम, हॉप्स, चाय, सब्जियां, विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियां तथा सुगंधित पौधों को सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है।


सूचना एवं जनसंपर्क_

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की स्थापना 1954 में हुई थीI

 

विभाग चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय_

हिमाचल प्रदेश सरकार ने वर्ष 1996-97 में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय का एक अलग और स्वतंत्र निदेशालय बनाया है। इसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा सेवाओं अर्थात् चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नर्सिंग और पैरा-मेडिकल को समग्र पर्यवेक्षण/नियंत्रण के तहत एकीकृत करना था।

 

कार्मिक विभाग_

विभाग राज्य में कार्मिक प्रशासन से संबंधित सभी नियमों का निर्धारण करता है, जिसमें राज्य सेवा अधिकारियों की भर्ती, नियुक्ति, पोस्टिंग और पदोन्नति शामिल हैं, कार्मिक विभाग सेवा नियमों और आचरण नियमों जैसे मामलों में विभिन्न विभागों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है।

हिमाचल प्रदेश पुलिस, गृह मंत्रालय, हिमाचल प्रदेश सरकार के सीधे नियंत्रण में आती है। हिमाचल प्रदेश पुलिस का नेतृत्व पुलिस महानिदेशक (DGP) करता है।

 

The Department of Treasuries Accounts and Lotteries_

कोष विभाग और लॉटरी विभाग वित्त विभाग का एक अभिन्न अंग है। हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव (वित्त) इसके प्रशासनिक सचिव हैं और सचिव (वित्त) इसके पदेन विभागाध्यक्ष होते हैं। यह विभाग 1971 में स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आया। इससे पहले, यह राजस्व विभाग का हिस्सा था। राज्य में सभी ट्रेजरी और सब ट्रेजरी का प्रशासनिक नियंत्रण इस विभाग द्वारा किया जाता है।

 

The Directorate of Urban Development_

शहरी विकास निदेशालय की स्थापना 1985-86 के दौरान हिमाचल प्रदेश राज्य में शहरी स्थानीय निकायों की गतिविधियों को निर्देशित, नियंत्रित और निगरानी करने के लिए की गई। निदेशालय को 54 नगर पालिकाओं, 2 नगर निगम, 31 नगर परिषद और 21 नगर पंचायतों की विधायी, प्रशासनिक और विकास गतिविधियों की देखभाल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

74वां संवैधानिक संशोधन शहरी स्थानीय सरकार के प्रशासनिक, विधायी और वित्तीय कार्यों के अधिक विकेंद्रीकरण की परिकल्पना करता है, जो सभी नगरपालिकाओं को अधिक से अधिक कार्यात्मक स्वायत्तता देता है। 



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